मशरूम कि खेती का बिजनेस कैसे शुरू करें(2022)। How to start mushroom farming business in Hindi:
नमस्कार दोस्तो आपका स्वागत है इस शानदार लेख में। लेख के माध्यम से मैं बताऊंगा कि मशरूम की खेती का व्यापार कैसे शुरू करें। मशरूम का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है और इसकी डिमांड भी बढ़ रही है। मशरूम के व्यापार में आप कम लागत लगाकर भी अच्छा लाभ कमा सकते हैं। मशरूम की खेती का यह फायदा है इसे आप कम जगह में भी कर सकते है।
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आज कल लोग नौकरी के पीछे भाग रहे है, लेकिन उनसे कम पढ़े लिखे लोग या किसान अपने छोटे से व्यापार से लाखो रुपए कमा रहें है। जो लोग सोचते है कि खेती केवल कम पड़े लिखे लोग या अशिक्षित लोग ही करते है। ऐसे सोचना बिलकुल गलत है। कुछ युवा बेरोजगारी और नौकरी में बढ़ती प्रतिस्पर्दा को देखते हुए, खुद का व्यापार करना ज्यादा उचित समझते है। व्यापार उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता भी देता है, जिससे वह अपना जीवन खुशी- खुशी से व्यतीत कर सकते है।
बढ़ते समय के साथ नौजवान भी डेयरी फार्मिंग या पशु-पालन जैसे खेती में रुचि ले रहे है। मुझे पता है कि आपके मन में इसको लेकर कई सवाल होंगे, जिनके जवाब में इस लेख में देनेवाला हूं। जैसे- कितनी लागत लगेगी, कितना फायदा होगा, बीज कहां से खरीदे और कितनी राशि की आवश्यकता होगी आदि सवालों के जवाब मौजूद है।
मशरूम क्या होता है ( What is mushroom in hindi)
जो लोग सोचते है, कि मशरूम एक पौधा है, तो मैं बता दूं मशरूम एक कवक होता है, जो की फफूद की श्रेणी में आते है। इसलिए इन्हें पौधा कहना गलत होगा। मशरूम को समाज के लोग एक मास की तरह देखते है, जिसमे कई पोषक-तत्व और विटामिन डी आदि गुड पाए जाते है। यह खाने में काफी स्वादिष्ट होता है। मशरूम का प्रयोग रोग-निरोधक के तौर पर भी किया जाता है। इससे कई स्वादिष्ट डिशे भी बनाई जाती है। आकर के बारे मे बताए, तो यह एक छाते के आकार का होता है।
मशरूम के प्रकार-
अगर वैज्ञानिकों की माने तो विश्व में लगभग 10000 प्रजातियां मौजूद है। लेकिन हम कुछ किस्मों का ही प्रयोग करते है या यूं कहे कि कुछ ही प्रजातियों को उगाते है। इनको व्यापार और खेती की दृष्टि से देखे तो इनकी संख्या पांच है। वह है: बटन मशरूम, पैडी स्ट्रा, स्पेशली मशरूम, दवाओ वाले मशरूम, धिगरी मशरूम या आयस्टर मशरूम। बटन मशरूम को लोग मिल्की मशरूम भी कहते है। मशरूम की बटन किस्म सबसे ज्यादा पसंद की जाने बाली किस्म है। इस लेख में जो भी खेती की तकनीक बताई जाएगी, वो बटन मशरूम के लिया खास तौर पर होगी।
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा में इनकी खेती की जाने लगी है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर जैसे डंडे प्रदेश में भी खेती प्रारंभ हो चुकी है। एशिया और अफ्रीका के देशों में इसकी काफी डिमांड है। चाइनीज भोजन में इसका काफी प्रयोग किया जाता है। खास बात वो है कि मशरूम की खेती ज्यादा शर्दी के मोशम या डंडे इलाको में की जाती है।
मशरूम के बीज की कीमत ( Cost of mushroom seeds)
मशरूम की कीमत ओस्तान 75 से 100 रुपए तक होती है। मशरूम की कीमत उसकी किस्मों पर भी निर्भर करती है। हो सकता है की किसी किस्म में ज्यादा महंगे बीज मिले या कुछ बीज सस्ते में भी मिल सकते है। यह आप पर निर्भर करता हैै, कोन सी किस्म को खेती के लिए चुनते है।
मशरूम के बीजों को कैसे खरीदे।( How to buy mushroom seeds online & offline)
मशरूम के बीजों को दोनो तरीकों से खरीद सकते है- ऑनलाइन एवं ऑफलाइन। ऑनलाइन आप indiamart, amazon वेबसाइट से खरीद सकते है। लेकिन इंडिया मार्ट से खरीदना का फायदा यह है कि इसमें आप सेलर से डायरेक्ट बात कर सकते हो और मोल भाव भी कर सकते हो। Indiamart पर लोकल सेलर लिस्टेड होते है, जो चीजों को बेचते है। ऑफलाइन की बात करे तो आप कृषि सरकारी केंद्रों से बीज ले सकते है। या अपने शहर में किसी बीज सेलर से बात करके खरीद सकते है।
मशरूम को कहां बेच सकते है?( How to sell mushroom)
जैसे कि मैने पहले भी बताया है कि मशरूम में कई प्रकार के पोषक तत्व होते है। मशरूम में एंटी ऑक्सीडेंट, प्रोटीन, विटामिन डी और जिंक आदि तत्व मौजूद है। ये कई बीमारी से बचाव करने के लिए काफी लाभदायक है। इसकी इन्ही विशेस्ताओ के कारण, मेडिकल के क्षेत्र में दवा बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। ऑनलाइन बहुत से फार्मा कंपनी की डिटेल्स मिल जायेगी, उनसे संपर्क करके मशरूम को बेच सकते है।
मशरूम का प्रयोग होटलों में कई तरह की डिश बनाने के लिए किया जाता है, तो होटलों में भी इसे बेच सकते है। होटलों के आलावा भी लोग इसकी घर पर डिश पकाते है। लोग मशरूम को रोड पर या गलियो में बेचने वाले दुकानदार से खरीदते है। दुकानदार सब्जियां मंडी से लाते है, इसको मंडी में भी बेच सकते है। भारत के साथ-साथ मशरूम को अन्य देशों में भी खाया जाता है। मशरूम का आप आयात-निर्यात भी कर सकते हो।
मशरूम व्यापार करने के तरीके ( Mushroom farming or cultivation techniques)
वैसे तो मशरूम बारिश के मौसम में प्राकृतिक तरीके से उगते है। लेकिन मशरूम की खेती करने के लिए, केवल रसायनिक प्रक्रिया का उपयोग कर सकते हैं। मशरूम का उपयोग करने के लिए खेत या कुछ जगह की आवश्यकता होगी। मशरूम की खेती दो तरीकों से हो सकती है: छोटे पैमाने या बड़े पैमाने पर। दोनो तरीकों की खेती में एक ही तरह की विधि का उपयोग होता है। बस फरक जगह और लागत का होता है।
1-छोटी जगह पर मशरूम की खेती ( small scale mushroom farming)
छोटे पैमाने से हमारा तात्पर्य एक कमरा या घर में भी मशरूम का व्यापार कर सकते है। घर में जो खेती होती है वह ज्यादातर हैंगिंग मैथड से होती है। स्मॉल स्केल में ज्यादा कैपिटल इन्वेस्ट नही करनी पड़ती है। इसे करने में कम लेवर की आवश्यकता होगी, या फिर परिवार के लोगो की मदद ले सकते है। छोटी जगह में काम करने का यह भी फायदा है, कि इसको पार्ट टाइम में भी कर सकते है।
बड़ी जगह पर मशरूम की खेती करे (large scale or commercial mushroom farming)
बड़े पैमाने पर खेती करने में जगह के साथ-साथ पैसे और मेहनत दोनो लगते है। इसे आप रैंकिंग सिस्टम या हैंगिंग मैथड दोनो तरीकों से कर सकते है। लार्ज स्केल के लिए बड़ा सा हॉल की जरूरत होगी या फैक्ट्री लगवा सकते हो। बहुत से लोगो को लेबरी के लिए रखना होगा, जिससे आप लोगो को रोजगार देने का अच्छा काम भी करोगे। इस काम में काफी सावधानी बरतनी होती है। मजदूरों को शुरुआत में सही से गाइड करने के लिए अपको हर समय तैनात रहना पड़ेगा। एक बार वह सीख गए, उसके बाद कम मेहनत की आवश्यकता होगी।
मशरूम की खेती में लगने वाली लागत (investment or money required for mushroom farming)
व्यापार में लागत कितनी होगी, यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है। आपके बजट और स्तर के अनुसार लागत लगती है। इसमें जगह लेने का खर्च आएगा, यदि खुद की जगह है तो आपके पैसे बच जायेगे। बीज खरीदने, कीटनाशक दवाईया, भूसा, लेबर आदि का खर्च आएगा। इसमें निवेश की बात करे तो, छोटे स्तर वाले लोग 10 हजार से 10 लाख रुपए तक लगा सकते है। बड़े स्तर वाले लोग 1 से 10 लाख रुपए का निवेश करना ठीक रहेगा। याद रखे जितना ज्यादा इन्वेस्टमेंट होगी, उतना ज्यादा कमाई भी होगी। हालांकि, अपने बजट के अनुसार ही काम करें।
मशरूम के व्यापर में मार्जिन ( Mushroom farming business profit margin)
यह व्यापार विश्व भर में निरंतर गति से बढ़ रहा है। मशरूम को लोग काफी पसंद भी कर रहे है। यदि इस व्यापार को सीजन में ही करते है, तब भी अच्छा लाभ कमा सकते है। इसको आप 100 या 150 वर्ग मीटर जगह से आरंभ करते है, तो 2 से 7 लाख का मुनाफा हो सकता है। लाभ जगह और इन्वेस्ट किए हुए कैपिटल पर भी निर्भर करता है। ऐसा नहीं हो सकता, कि मुनाफा न हो। कई लोग छोटे स्तर से काम करके अच्छे मुकाम पर पहुंच चुके है।
सरकार द्वारा सब्सिडी (Government subsidies for mushroom farming)
हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों में सरकार किसानों और अन्य लोगो को मशरूम का व्यापार करने के लिए, आर्थिक सहायता दे रही है। योजना की जानकारी https://www.nabard.org वेबसाइट से प्राप्त हो जाएगी।
सब्सिडी पाने के लिए व्यावसाहिक प्रस्ताव बनाके, पैन कार्ड, आधार कार्ड, निवासी प्रमाण पत्र और बैंक खाते की जानकारी लेकर सरकारी कार्यालय में जाना होगा। यदि आप छोटे किसान है तो प्रत्येक मशरूम थैले पर 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। सामान्य व्यक्ति को 20 प्रतिशत तक का लाभ मिल सकता है। यदि व्यापर के लिए सब्सिडी चाहिए, तो व्यापार को रजिस्टर कराना पड़ेगा अन्यथा सब्सिडी नही मिल पाएगी।
मशरूम की खेती करने के लिए उपयुक्त माल (Material required for mushroom farming)
मशरूम की खेती के लिए जगह की आवश्यकता होती है। खेती के लिए बीज और भूसे की जरूरत होती है, जो धान और गेंहू का होता है। भूसे को सुरक्षित रखने के लिए कीटनाशक दवाओ की आवश्यकता होती है। भूसे के साथ-साथ यूरिया, पोटाश, जिप्सम आदि चीजों की भी आवश्यकता होती है। भारत में ज्यादातर सर्दियों के मौसम में इसकी खेती की जाती है। मशरूम को उगने के लिए डंडा और नामी वाला वातावरण चाहिए होता है।
मशरूम की खेती करने की पूरी प्रक्रिया ( Mushroom farming full process in hindi)
- मशरूम की खेती घर पर केस करें? (How to do mushroom cultivation at home)
मशरूम की खेती घर पर हैंगिंग मैथड या रैक बनाकर कर सकते है। हैंगिंग मैथड में लकड़ियों और रस्सी की जरूरत होती है। रस्सी की मदद से मशरूम की थैली को बांधकर लटका दिया जाता है। वही रैक मैथड की बात करें तो इसमें लकड़ियों में रस्सी की मदद से एक तरह का जाल बुन दिया जाता है। आपने यह तो जान लिया कि मशरूम की खेती का व्यापार घर पर कैसे करे। आइए, अब जानते है कि कंपोस्ट कैसे तैयार करें और बुवाई कैसे होती है।
1- धान और गेंहू के भूसे से कंपोस्ट खाद बनाएं-
मशरूम की खेती करने के लिएं खाद की आवश्यकता होती है। इसको गेहूं और धान के भूसे से बनाया जाता है। सबसे पहले भूसे को कीटाणु मुक्त बनाया जाता है। जिससे की उसमे सभी बैक्टेरिया या अशुद्धियां दूर हो जाए। कीटाणु रहित नही किया, तो हो सकता है आपको फसल खराब हो जाए। कंपोस्ट खाद बनाने के लिए लगभग 1500 लीटर पानी में 1.5 किलोग्राम फार्मलिन और 150 ग्राम बेबिस्टिन को एक साथ मिलाया जाता है। इसके पश्चात पानी में 1 कुंटल, 50 किलोग्राम गेंहू और धान के भूसे को डालकर अच्छे से मिला ले। फिर इस मिश्रण को कुछ समय तक ढककर रख दिया जाता है। जिससे कीटाणु पूरी तरह से नष्ट हो जाए और मशरूम को उगाने वाली खाद बनकर तैयार हो जायेगी।
2- मशरूम की बुवाई करे।
भूसे को कुछ समय रखने के बाद उसे बाहर निकालकर अच्छे से फैलाकर रख दिया जाता है, जिससे इसकी नमी हवा की मदद से 50 प्रतिशत कम हो जाए। भूसे को बार-बार पलटना पड़ता है, जिससे उसमे मौजूद नमी अच्छी तरह से आधी हो जाए। अगर हैंगिंग मैथड का इस्तेमाल कर रहे है, तो आपको 16x18 के पॉलीथिन बैगो को लाना पडेगा। बैग में बुबाई परतों के हिसाब से होगी अर्थात एक भूसे की परत बनाई, फिर उसमे बीच को डाल दिया। ऐसा करके कम से कम 3 से 4 पत्ते बना ले। परत बनाते वक्त ध्यान रखे भूसा और बीज एक अनुपात में होने चाहिए। पॉलीथिन के किनारे अर्थात नीचे वाले छोरो पर एक-एक छेद कर दे। जिससे शेष पानी होगा तो निकल जाएगा। इतनी प्रक्रिया करने के बाद, पन्नी के बैग को कसकर लकड़ी में बांधकर लटका दे। बुवाई की विधि समाप्त होने के बाद पैकेट में छोटे छोटे छेद कर दिए जाते है, जिससे छेदो से मशरूम बाहर आ सके। मशरूम की बुवाई कि प्रक्रिया तो पूरी हो गई, अब जानते है कि यह काम खेतों और फैक्ट्री में कैसे करे।
- मशरूम की खेती फैक्टरी या खेत में कैसे करें? ( How to do mushroom farming cultivation at field and factory)
मशरूम खेती अगर आप घर में न करके बड़े स्तर पर करना चाहते हों। उसके लिए खेत को लकड़ी और तिरपाल या पन्नी की मदद से ढकना होगा, और उसमे लकड़ी और रस्सी की सहायता से रैके तैयार करनी होंगी। खेतों को जिससे भी डके लेकिन उसमे एक दरबाजा और खुलने और बंद होने वाले खिड़की जरूर होनी चाहिए। फैक्टरी में भी रैके बनाकर काम शुरू कर सकते है। खाद बनाने की प्रक्रिया और बुबाई की प्रक्रिया समान रहेगी। इस काम में वर्क फोर्स और ज्यादा लागत लगती है।
मशरूम की खेती करते वक्त सावधानियां ( Mushroom farming cultivation precautions)
हवा एवं पंखे से रख रखाव- बुबाई हो जाने के बाद कमरे को 15 दिन के लिए बंद कर दिया जाता है, जिससे जरा सी हवा न मिले। हालांकि, इसे 15 दिनों के बाद खोल दिया जाता है या पंखे की मदद से हवा दी जाती है। बड़े स्तर या फैक्टरी के लिए ज्यादा पंखों की आवश्यकता होगी।15 दिनों के बाद मशरूम की फसल सफेद दिखने लगेंगे।
नमी और तापमान नियंत्रण करना- मशरूम की फसल सर्दियों में भारत के लोग ज्यादा करते है। सर्दियों में तापमान कम होता है और नमी भी अनुकूल होती है। यह फसल सर्दियों में अक्टूबर के मध्य से लेकर मार्च तक चलती है। यदि पूरी साल खेती करना चाहते है तो इसके लिए ए.सी बगेरह खरीदना पड़ेंगे, तापमान को नियंत्रित करने के लिए। इसके लिए 70 डिग्री तक नमी होनी चाहिए। मशरूम की फसल के लिए अनुकूल या उचित तापमान 16 से 25 डिग्री तक ठीक रहेगा। तापमान को थर्मोमीटर से माप सकते है और नमी को मापने के लिए हाइड्रोमीटर की आवश्यकता होगी।
मशरूम के थैले रखने का तरीका- मशरूम के थैले को ध्यान से रखना और देखभाल करना जरूरी है। थैले को एक लकड़ी में रस्सी बांधकर लटका दे या तो रैक बनाकर रख दे। एक रैक बनाने के लिए चार छोटी लकड़ी, उसको सहारा देने के लिए और चार बड़ी लकड़ी को ऊपर बांदा जाता है। उसके बाद रस्सी की मदद से एक जाल की तरह बना ले, जिससे की उसके ऊपर थैले को रख सके। उदारण के लिए, आप सभी ने चारपाई तो देखी ही होगी। चारपाई में चार लकड़ी सपोर्ट देती है और चार लकड़ी ऊपर एक दूसरी से फसी होती है। बीच में पतली रस्सी या प्लास्टिक की छोटी सी पट्टी से बुनी होती है। वैसे ही रैक को बनाया जाता है, किंतु पतली रस्सी की जगह पर मोटी रस्सी का प्रयोग किया जाता है।
कैसे और कब करे कटाई-
मशरूम की एक फसल को तैयार होने में करीबन एक महीना लग जाता है या तो फिर यूं कहें कि 30 से 40 दिन में तैयार हो जाती है। मशरूम को तोड़ने के लिए हाथ का इस्तेमाल किया जाता है। तोड़ने के बाद, पैकेजिंग करके बेच सकते है।
सरकार द्वारा प्रशिक्षण ( government training for mushroom farming)
मैने आपको मशरूम की खेती की पूरी प्रक्रिया बता दी। प्रक्रिया का प्रैक्टिकल करने के लिए प्रशिक्षण को ज्वाइन कर सकते है। उससे आपको मशरूम की खेती करने की नई तकनीक पता चलेगी। सरकार सब्सिडी देने के साथ-साथ मशरूम की खेती करने के लिए मुफ्त प्रशिक्षण भी दी जा रही है। सरकार ने कई प्रशिक्षण केंद्र खोले है, जहां जाकर मशरूम की खेती करने की सभी तरीके बताए जायेगे। ट्रेनिंग को पूर्ण करने के बाद अपना व्यापार शुरू कर सकते है।
निष्कर्ष:
आज अपने सीखा मशरूम की खेती का व्यापार कैसे शुरू करें। इसमें मैने सभी टॉपिक कवर किए है, फिर भी आपको कुछ कन्फ्यूजन लग रहा है, तो अवश्य कमेंट करे। उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा। मेरी हमेशा से आशा रही है कि मैं लोगो को व्यापार से जुड़ी सभी जानकारी को साझा करे। आप इस बिजनेस में जरूर सफल होंगे पर पूरी लगन और मेहनत से काम करना होगा। मुझे खुशी है, मेरे देश के लोग व्यापार में रुचि ले रहे है और आगे बढ़ रहे है। लेख को अपने मित्रो या सोशल मीडिया में, जैसे- WhatsApp, Facebook, Twitter आदि पर जरूर शेयर करें।